Diya Jethwani

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लेखनी कहानी -02-Jul-2023... एक दूजे के वास्ते... (अंतिम भाग)

तीनो खिलखिलाने लगतें हैं और अपनी दोस्तीं के और बचपन के किस्सों में खो जाते हैं....। काफी वक़्त ऐसे ही गुजर जाता हैं पर रोहित अभी तक नहीं आया तो रश्मि को थोड़ी चिंता होने लगीं....।

अलका रोहित ने एक घंटा कहा था.... दो घंटे होने को आए हैं अभी तक आया नहीं हैं.... मुझे टेंशन हो रहीं हैं....।

अरे फोन लगा कर देख ले यार... हो सकता हैं कहीं फंस गया हो..!

हां मैं फोन करतीं हूँ....।

रश्मि ने कई बार फोन किया पर फोन स्वीच ऑफ आ रहा था...। अब रश्मि की टेंशन और ज्यादा बढ़ गई....।

क्या हुआ रश्मि...।

उसका फोन बंद आ रहा हैं... कबसे लगा रहीं हूँ.....। अब क्या करें....।

तु टेंशन मत ले.... वो आ जाएगा... हो सकता हैं फोन की बैटरी खत्म हो गई हो....।

रश्मि के लिए अब एक एक पल का इंतजार भारी पर रहा था.... वो बस मन ही मन ऊपरवाले से रोहित के लौट आने की दुआएँ मांग रहीं थी.... । बितते वक़्त के साथ अलका और राहुल को भी अब चिंता होने लगीं....। तीन घंटों के इंतजार के बाद भी जब कोई खबर नही आईं तो अलका ने रोहित के असिस्टेंट को फोन किया जिसका नम्बर रोहित ही अलका को देकर गया था...।

आकाश- हैलो कौन....!

मैं अलका बात कर रहीं हूँ... आप आकाश जी ही हैं ना....!!

जी मैडम कहिए..।

रोहित कहाँ हैं.. वो यहाँ आने वाला था.... अभी तक आया नहीं....।

व्हाट रोहित सर वहाँ नहीं आए अभी तक....उनकों तो कबका वहाँ पहूंच जाना चाहिए था...!

आप उनके साथ नहीं थे क्या...!

नहीं मैं नहीं था.... सर अकेले ही यहाँ से निकले थे..... आप फिक्र मत किजिए मैं अभी पता लगाता हूं.... और आपको बताता हूँ...।

ओके .... थैंक्स।

फोन रखते ही रश्मि ने कहा क्या हुआ कुछ पता चला....।

नहीं वो पता लगा कर फोन करेंगे... उनकों भी कोई आइडिया नहीं हैं...।

रश्मि का इंतजार अब आंसुओं में बदलने लगा था.... उसका रो रो कर बुरा हाल हो गया था...। उसकों संभाल पाना अब मुश्किल हो रहा था....।

राहुल, अलका और रश्मि की मम्मी की भी चिंता अब बढ़ने लगी थी.... लेकिन वो सब बस रश्मि को संभालने में लगे थे...!

अगर रोहित को कुछ हो गया ना अलका तो मैं भी अपने आप को खत्म कर दूंगी.... अगर इस बार भी भगवान ने मेरी ना सुनी तो मैं कभी उनके दऱ पर पैर नहीं रखुंगी..... ।

ऐसा नहीं कहते हैं रश्मि.... संभालो अपने आप को... सब ठीक हो जाएगा.... रोहित आ जाएगा.... विश्वास रखो... हम सब हैं ना तेरे साथ...।

तभी रश्मि के फोन पर एक अंजान नम्बर से फोन आता हैं...। रश्मि ने इस उम्मीद में कि शायद रोहित का फोन हो... तुरंत फोन उठाया... । हैलो.... कौन....।

रोहित और कौन.... सामने से आवाज आई...।

रोहित कहाँ हो तुम.... कबसे फोन कर रहीं हूँ.... तुम्हारा फोन बंद क्यूँ आ रहा हैं.... तुम्हें पता भी हैं मुझ पर क्या बित रहीं हैं.... हो कहाँ तुम...?

अरे यार....इतना गुस्सा.... इतने सवाल..... मैं यहीं हूँ.... तुम्हारे पास.... पलट कर देखो...।

रश्मि ने पलट कर देखा तो एक सफेद रंग की कार से दो शख्स रोहित को सहारा देकर ला रहें थे....। रोहित के सिर पर पट्टी बंधीं हुई थीं और हाथ पूरी तरह से छिल चुका था.... पैर पर भी चोट के गहरे जख्म थें।

रोहित को ऐसे देख रश्मि के हाथों से फोन भी गिर गया और वो भाग कर रोहित की करीब गई...और उसने रोहित को गले से लगा लिया.... और बोली:- तुम नहीं जानते रोहित ये एक एक पल का इंतजार मेरे लिए ना जाने कितनी सदियों का इंतजार बन गया था....।

ओहह हो... सच में.....

रश्मि रोहित से अलग होते हुए.... :- लेकिन ये सब कैसे.... और तुम्हारा फोन....

रोहित सब बताता हूँ पहले मुझे अंदर तो ले चलो...।

रश्मि रोहित को सहारा देकर एक बेंच पर बिठाकर बोली- क्या हुआ था रोहित.... ये सब....!

रोहित ने उन दोनों शख्स का शुक्रिया अदा किया ओर वो दोनों चले गए...।

उनके जातें ही रोहित ने बताया--हाइवे पर एक छोटा सा एक्सीडेंट हो गया था ...।तुम्हारे ख्यालों में खोया हुआ था....पता नहीं कैसे बैंलेस डगमगा गया.....बस उसकी वजह से ही मेरा मोबाइल टुट गया और ये सब...। ये तो भला हो उन दोनों का जो हास्पिटल लेकर चले और यहाँ तक छोड़ कर गए.... वरना उस सुनसान हाइवे पर ना जाने और कितने घंटे बिताने पड़ते और ना जाने तब तक जान रहतीं भी या नहीं....

रश्मि गुस्सें से :- बस रोहित खबरदार जो आज के बाद ऐसी बात जुबान तक भी लाए हो तो.... ।

रश्मि ने रोहित को गले से लगा लिया और कहा तुम्हारे बिना तो अब मेरी भी जिंदगी का कोई मकसद नहीं हैं रोहित....।

ये तुम्हारा प्यार ही है जो आज में सही सलामत यहाँ हूँ... वरना उस एक्सीडेंट से तो एक पल को मैं भी उम्मीद खो चूका था...। पर कुदरत ने हमें मिलाया हैं तो साथ भी वो ही देगा.... अभी चलो मुझे राहुल से भी मिलना है...।

रश्मि रोहित को सहारा देते हुए राहुल के कमरे तक ले गई..। रोहित ने राहुल से बात की..... फिर अलका की तरफ़ इशारा करतें हुए  कुछ पुछा... जिस पर अलका ने नहीं का जवाब दिया... । ये इशारा राहुल ने देख लिया था पर वो कुछ समझा नही....।

अलका ने रोहित को सब बताया कि उन्होंने आकाश को भी फोन किया था.... रोहित ने आकाश को सारी इन्फोर्मेशन दी....।

फिर रोहित ने अलका से मौका देखकर  धीमी आवाज में पूछा:- क्या हुआ... तुमने अभी तक राहुल से कहां क्यूँ नहीं.... एक बार इज़हार तो करो.... कब तक दिल में दबा कर रखोगी...।

उसे पूरी तरह ठीक हो जाने दो फिर करूगीं बात...।

पक्का....!!

हां पक्का.... अभी आप बस मेरी जान... मेरी रश्मि का ख्याल रखो....बहुत प्यार करतीं हैं वो आपसे... मैने देखी हैं उसकी हालत...।

अब उसकी फिक्र छोड़ दो.... वो अब मेरी जिम्मेदारी हैं...।

रोहित और अलका की ये सारी बातें राहुल सुन लेता हैं जिससे वो दोनों बिल्कुल अंजान थे....।

ये सब सुन कर राहुल को जैसे यकीन ही नहीं होता.... । वो मन ही मन सोच रहा था....इसका मतलब अलका मुझसे प्यार करतीं हैं..... लेकिन उसको पता हैं कि मैं रश्मि से...... इसलिए आज तक वो कुछ नहीं बोली.... ओहह नो... ये सब क्या हो रहा हैं..... अलका मुझसे.... पर कैसे..... अब मैं समझा.... सारी बातें.....!

रोहित वो रिषभ.....

रोहित बीच में बोलते हुए:- अलका मैं वही गया था.... । रोहित ने वहां हुआ सारा हादसा अलका को बताया....।

अलका :-ओहहह नो..... इसका मतलब रिषभ..... ये तो बहुत गलत हुआ...।

रोहित- हां दुख तो मुझे भी हैं.... एक तरफ़ जहा रश्मि को पाने की खुशी हैं....वही दूसरी ओर रिषभ के खोने का गम़ भी हैं.... आखिरकार था तो मेरा छोटा भाई..... लेकिन कर भी क्या सकते हैं....। मुझे थोड़ी देर में यहाँ से जाना होगा रिषभ के अंतिम संस्कार के लिए..... तुम यहाँ सब संभाल लेना.....।

अलका- लेकिन रोहित तुम ऐसी हालत में कैसे जा पाओगे...?

रोहित- मैनें आकाश से बात कर ली हैं वो आ जाएगा मुझे लेने..। तुम बस रश्मि का ख्याल रखना...।

हमम् ठीक है.... तुम भी अपना ध्यान रखना.... ।

तभी रश्मि वहाँ आ जाती है.... कहाँ जाने की बातें हो रहीं हैं ....और किसके जाने की बातें हो रहीं हैं.....कोई मुझे भी कुछ बताएगा....!

रोहित--मेरे जाने की... क्यूँ और कहाँ वो सब तुम्हें अलका बता देगी.... अभी चलो यहाँ से.... आओ....।

हैलो.... मिस्टर....ऐसी हालत में....!! तुम्हें क्या लगता हैं.... मैं तुम्हें जाने दुंगी.... कही नही जाना हैं समझें.... और अगर जाना इतना ही जरूरी हैं तो मैं भी चलुंगी तुम्हारे साथ.... बहुत इंतजार करवा लिया.... बहुत रुला लिया.... अब बस ओर नहीं...।

ओहहो तुम तो अभी से बीवी की तरह डांटने और धमकाने लगीं... मैडम पहले शादी तो होने दो..... बिना शादी के मेरे साथ चलने में तुम्हें डर नहीं लगेगा.... कही मैं तुम्हें भगा कर ले गया तो...!

रश्मि- हां तो कर लेते हैं शादी.... अभी.... लेकिन अकेले तो मैं तुम्हें जाने देने से रहीं... इट्स फाइनल......!

ओके श्रीमती जी.... जैसा तुम कहो.... आपका हुक्म सिर आंखों पर....अंदर चलो मम्मी से बात कर लेते हैं...।

अलका मस्ती में- कुर्बान जाऊं तुम दोनों के प्यार पर...इतना हक़ तो तुने कभी मुझपर भी नहीं जताया.....मेरी जान.....सॉरी..अब तो तु रोहित की जान हैं.....।

रश्मि- अलका तु भी ना..... चल अभी अंदर...।

रोहित रश्मि की मम्मी से पुछकर रिषभ के अंतिम संस्कार के लिए चले जाते हैं....।

राहुल मौका देखकर अलका से बात करता हैं....।

एक बात पुछुं अलका...।

हां पुछो...।

क्या तुम्हारी लाईफ में कोई नहीं आया है अभी तक..?

क्या मतलब...आज अचानक ऐसा सवाल क्यूँ....। हम बचपन से साथ हैं.... तुम्हें सब पता हैं मेरे बारे में.... फिर आज...

आज.....इसलिए क्योंकि तुने मुझे कभी अपना समझा ही नहीं हैं.... समझा होता तो इतने सालों तक ये बात मुझसे छुपाई नहीं होतीं....।

अलका आश्चर्य से--कौनसी बात.... क्या छुपाया हैं....!

अभी भी अंजान बनी रहोगी....!

तुम क्या कह रहे हो राहुल.... मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा....।

अलका प्लीज.... एक बार कहा तो होता...।

क्या...?

वहीं जो रोहित तुमसे कहने को कह रहा था...।

अलका अपनी जगह से उठ जाती हैं और घबरा कर---ये.... ये.... तुम...... क्या..... कह..... रहे हो...... ऐ..... ऐसा..कुछ नहीं हैं..... वो.... वो.... तो....

कुछ नहीं हैं तो तुम इतना घबरा क्यूँ रहीं हो....।

नहीं ऐसा कुछ नहीं हैं.... रा... राहुल..... वो मैं पानी.... पानी पीकर.... आती हूँ...।

पानी यही रखा हैं अलका....। और अगर ऐसा कुछ नहीं हैं तो ठीक हैं.... खाओ मेरी कसम.... ( राहुल अलका का हाथ पकड़ कर अपने सिर पर रखकर कहता हैं)

अलका झटके से हाथ हटा लेती हैं.... और बिना कुछ कहें जाने लगतीं हैं....।

राहुल उसकी कलाई पकड़ लेता हैं और अपनी ओर खींच कर कहता हैं..... पागल एक बार कहा तो होता.... इतना प्यार अपने अंदर दबा कर बैठीं थीं.... हां माना मैं रश्मि से प्यार करता हूँ.... पर वो मुझसे ज्यादा रोहित के साथ खुश हैं.... और प्यार में लेना नही देना मायने रखता हैं.... । रोहित के आ जाने के बाद तो मुझसे कहा होता....।

अलका ने अपनी निगाहें नीची कर ली थीं....वो राहुल के इतना करीब कभी नहीं आई थी.... उसकी धड़कने बढ़ने लगीं थी...। राहुल ने उसे अपने ओर करीब खींचा और उसके चेहरे को ऊपर करते हुए कहा-- मेरी तरफ़ देख कर कहो की मैं गलत हूँ.... बोलो....।

वो राहुल..... वो..... अलका ने राहुल को गले लगाकर कहा--आइ लव यू.....राहुल.....आइ लव यू....।

राहुल ने भी उसे प्यार से गले लगा लिया...।

दरवाजे पर खड़ी रश्मि की मम्मी ने ये सब देखा और कहा:- भगवान का लाख लाख शुक्र हैं कि अब मेरी दोनों बेटियों की डोली साथ में उठेगी...।

उनकी की आवाज सुनते ही दोनों अलग हो गए....। अलका ने दौड़ कर उनके गले से लग गई...।

कुछ घंटों बाद रश्मि और रोहित भी रिषभ का अंतिम संस्कार करके वापस लौटे.... उनके वापस आतें ही उसकी मम्मी ने रश्मि को अलका और राहुल के बारे में बताया....।

अलका जो अभी रश्मि के लौटने से अंजान थी.... वो राहुल के साथ बैठी थीं...।

रश्मि ये खबर सुनते ही अलका की ओर भागी... कमरे में आतें ही बोली :- ओहह क्या बात है यार...अच्छी दोस्ती निभाई हैं तुम दोनों ने...।

अरे तु कब आई....। क्या हुआ....! ऐसे क्यूँ बात कर रहीं हैं....।

शुक्र हैं कि मैं बात कर रहीं हूँ... वरना तु तो बात करने के लायक भी नहीं हैं.... ये ही हैं ना तेरी दोस्ती....।

क्या हुआ यार... मेरा दिल घबरा रहा हैं.... ऐसा क्या कर दिया मैने...।

तुम दोनों ना सच में.... गुस्सा तो बहुत आ रहा हैं.... पर क्या हैं ना.... मैं खुश भी बहुत हूँ....।

रश्मि ने अलका को गले से लगा लिया और कहा :- डर गई ना... पागल मैं तो मजाक कर रहीं हूँ.... मैं बहुत बहुत खुश हूँ... ये जानकर कि तु और राहुल भी....। नाराज हूँ थोड़ा सा की मुझे क्यूँ नहीं बताया तुने....।

तभी रोहित अंदर आता हैं ओर कहता हैं :- इसका मतलब इजहारे इश्क़ हो गया आखिरकार....।

मतलब आपको पता था ये...।

हां पता था.... आखिरकार साली हैं मेरी.. तुमसे पहले हर बात मुझे पता चलनी ही चाहिए...।

रोहित की बात सुनकर सब तरफ़ हंसीं के ठहाके लग जाते हैं...।

सब खुशी खुशी अगले दिन राहुल को डिस्चार्ज करा कर अपने घर लौट जातें हैं...। घर जाकर रोहित रश्मि के पापा से बात करता हैं .....राहुल अलका के घरवालों से...।

बड़ो के आशीर्वाद और सहमति से एक ही मंडप में रश्मि और अलका की शादी की रस्में निभाई जाती हैं....।

इसी के साथ कहानी को यहीं समाप्त करतीं हूँ....। अपने सुझाव अवश्य दे....।


🙏🙏🙏

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